करके स्पर्श उनके अधर तर्जनी निज अधर पर धरी आचमन हो गया। करके स्पर्श उनके अधर तर्जनी निज अधर पर धरी आचमन हो गया।
ईश्वर ने जो सोच रखा है उसमें विघ्न क्यूँ ! होनी तो काहू विधि ना टरे ... ईश्वर ने जो सोच रखा है उसमें विघ्न क्यूँ ! होनी तो काहू विधि ना टरे ...
दिल के अंतस से उपजी एक कविता..... दिल के अंतस से उपजी एक कविता.....
संग कैसे द्वय को तुष्ट करें संग कैसे द्वय को तुष्ट करें
कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो। कभी शक्ति रूप में रक्तबीज कोरोना का संहार करो।
"परंतु क्या तुमने वो भी सुनाजो मैने नही कहा ? स्वीकृति, समंजन, अभिनंदन, आनंद, सौभाग्य, अनुराग, वात्स... "परंतु क्या तुमने वो भी सुनाजो मैने नही कहा ? स्वीकृति, समंजन, अभिनंदन, आनंद, सौ...